Om Banna – ओम बन्ना (जिन्हें श्री ओम बना और बुलेट बाबा भी कहा जाता है) एक तीर्थ स्थान है जो भारत के जोधपुर के नजदीक पाली जिले में स्थापित है. यह तीर्थ स्थान पाली से 20 किलोमीटर (12 मी.) दूर और जोधपुर से 50 किलोमीटर (31 मी.) की दुरी पर स्थित है, पाली-जोधपुर हाईवे से जाते समय यह तीर्थ स्थान चोटिला ग्राम के नजदीक आता है.

मोटरसाइकिल टेकते है मत्था (बुलेट बाबा)- Om Banna Story In Hindi
वहा एक मोटरसाइकिल 350 CC रॉयल एनफील्ड बुलेट भी है. इस मंदिर को बनाने की योजना हावड़ा में रहने वाले अनुतोष बनर्जी ने दी थी. हज़ारो लोग रोज़ अपनी सुरक्षित यात्रा की प्रार्थना करने के लिये आते है.

ओम बन्ना का इतिहास – Om Banna Chotila History
2 दिसंबर 1988 को ओम बन्ना (साधारणतः ओम सिंह राठौर के नाम से जाने जाते थे) पाली के नजदीकी शहर बांगड़ी से चोटिला की यात्रा कर रहे थे, तभी उन्होंने मोटरसाइकिल से अपना नियंत्रण खो दिया और एक पेड़ से टकरा गये : इस हादसे में ओम बन्ना मारे गये थे और उनकी मोटरसाइकिल भी वहा खाई में गिर गयी थी. हादसा होने के अगली सुबह स्थानिक पुलिस ने वह मोटरसाइकिल पुलिस स्टेशन ले गये. लेकिन अगले दिन वह मोटरसाइकिल स्टेशन से गायब हो गयी थी और वापिस जहा हादसा हुआ वही पायी गयी. पुलिस ने दोबारा मोटरसाइकिल को हिरासत में लिया और उसमे का पूरा पेट्रोल निकालकर उसे चैन से बांधकर रखा गया. इतने प्रयत्नों के बावजूद अगली सुबह वह मोटरसाइकिल वापिस स्टेशन से गायब हो गयी और दोबारा हादसे की जगह पर पायी गयी. वहा के आदमियो का कहना था की मोटरसाइकिल को वापिस उसी खाई में डाल देना चाहिये. क्योकि पुलिस द्वारा की गयी हर कोशिश नाकामयाब होती रही, पुलिस जब कभी भी उस मोटरसाइकिल को स्टेशन लाती तब अगली सुबह अचानक वह मोटरसाइकिल हादसे वाली जगह पायी जाती.
यह चमत्कार देखने के लिये स्थानिक लोग उस मोटरसाइकिल को देखने आया करते थे और जल्द ही उन्होंने उस “बुलेट बाइक” की पूजा करना भी शुरू कर दी. चमत्कार की यह कहानी जल्द ही आस-पास के गाँवो में फैलने लगी और बाद में उस जगह पर मोटरसाइकिल का मंदिर भी बनवाया गया. यह मंदिर “बुलेट बाबा मंदिर” के नाम से जाना जाता है और ऐसा कहा जाता है की यहाँ प्रार्थना करने से यात्रा सुरक्षित रहती है.
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